November 18, 2024

Dark Web | यहां पर शरीर के टुकड़े तक बेच सकते हैं

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यदि आपसे पूछा जाए कि इंटरनेट क्या है, तो आप झट से बोल पड़ेंगे कि एक ऐसी दुनिया जहां एक क्लिक पर सभी तरह की जानकारी मिल जाए। या फिर शायद आप कहेंगे कि इंटरनेट मतलब गूगल। वैसे आपको बता दें कि इस गूगल वाले इंटनरेट की दुनिया में आप कुछ भी करते हैं तो उस पर सरकार से लेकर हैकर्स की भी नजर होती है। | यहां पर शरीर के टुकड़े तक बेच सकते हैं |

लेकिन इसके अलावा भी इंटरनेट की एक दुनिया है, जहां सभी गैरकानूनी काम होते हैं और उसकी किसी को भी भनक तक नहीं लगती।
जी हां, हम बात कर रहे हैं डार्क वेब की। डार्क वेब को कई लोग, इंटरनेट की काली दुनिया भी कहते हैं।

इस डार्क वेब की दुनिया में ड्रग्स, खतरनाक हथियारों से लेकर इंसानी शरीर के टुकड़े, जिंदा बच्चे और भी बहुत सी खतरनाक चीजों का, कारोबार होता है।
लगभग उन सभी चीजों की खरीद और बिक्री यहां की जाती है, जिन्हें बेचना या खरीदना जुर्म है।

इस बाजार में खरीदारी सिर्फ वर्चुअल करेंसी, जैसे बिटकॉइन के जरिए होती है।
दूसरे शब्दों में कहें तो, इंटरनेट के इस काले बाजार में दुनिया के सभी गैरकानूनी काम खुलेआम किए जाते हैं।
तो आइए आज मंथन बाबा प्लेटफॉर्म पर इंटरनेट की इस काली दुनिया के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नंबर एक, सरफेस वेब। नंबर दो, डीप वेब। नंबर तीन डार्क वेब।
यह है इंटरनेट की तीन लेवल के नाम।
अब आइए जानते हैं, इनके पीछे की कहानियां।

क्या है सरफेस वेब? | यहां पर शरीर के टुकड़े तक बेच सकते हैं |
सबसे पहले आपको बता दें कि आप और हम जिस दुनिया में फेसबुक, यूट्यूब और गूगल का इस्तेमाल करते हैं, उसे सरफेस वेब बोला जाता है। इसके बाद डीप वेब और आखिरी में डार्क वेब का नाम आता है।

सरफेस वेब की दुनिया में, कोई भी इंटरनेट पर कुछ भी सर्च कर सकता है। उदाहरण के लिए इस वक्त आप, मंथन बाबा प्लेटफॉर्म को अपने फोन या लैपटॉप में इंटरनेट के माध्यम से देख या सुन रहे हैं।

सरफेस वेब में आप इंटरनेट पर गैरकानूनी काम, जैसे मादक पदार्थों की खरीद-बिक्री जैसे काम नहीं कर सकते। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सरफेस वेब की दुनिया, सिर्फ चार फीसदी है।

अब आइए एक नजर डालते हैं, डीप वेब पर।

क्या है डीप वेब? | यहां पर शरीर के टुकड़े तक बेच सकते हैं |

डीप वेब एक सीक्रेट वेब है, जो आम यूजर्स को नजर नहीं आता है। इसमें वे सभी वेबसाइट्स दिखती हैं जो गूगल में नजर नहीं आती हैं। डीप वेब में सिर्फ वही व्यक्ति पहुंच सकता है, जिसके पास इसका अधिकार है।

डीप वेब का इस्तेमाल प्राइवेट जानकारी को सेव करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर क्लाउड स्टोरेज के लिए इसका इस्तेमाल होता है। इसका इस्तेमाल रक्षा मंत्रालय जैसी संस्थाएं जानकारियों को सुरक्षित रखने के लिए करती हैं।

अंत में आता है डार्क वेब, एक ऐसी इंटरनेट की दुनिया जिसमें कुछ भी हो सकता है।

क्या है डार्क वेब, जहां होते हैं सभी गैरकानूनी काम?
अब इंटरनेट के आखिरी हिस्से डार्क वेब की बात करें तो यह इंटरनेट की दुनिया का यह सबसे खतरनाक हिस्सा है। | यहां पर शरीर के टुकड़े तक बेच सकते हैं |
एंटीवायरस बनाने वाली कंपनी मैकअफे के मुताबिक, डार्क वेब या डीप वेब प्रत्यक्ष तौर पर दिखने वाली इंटरनेट की दुनिया से करीब, तीन गुना बड़ा है।
डार्क वेब का इस्तेमाल भी गैरकानूनी है। डार्क वेब में दुनिया के सभी तरह के गैरकानूनी काम, बेखौफ किए जाते हैं। डार्क वेब का इस्तेमाल सिर्फ वे ही लोग कर सकते हैं जो टॉर ब्राउजर का यूज करते हैं।
आपको बता दें कि टॉर ब्राउजर एक ऐसा ब्राउजर हैं, जिसे कोई ट्रैक नहीं कर सकता है।

उदाहरण के तौर पर, यदि आप टॉर ब्राउजर के जरिए इंटरनेट पर कोई भी काम करते हैं, तो आपको कोई सरकारी एजेंसी भी ट्रैक नहीं कर सकती। क्योंकि टॉर ब्राउजर में आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) एड्रेस लगातार बदलती रहती है और इंटरनेट की दुनिया में किसी को भी आईपी एड्रेस के जरिए ही ट्रैक किया जाता है। | यहां पर शरीर के टुकड़े तक बेच सकते हैं |

हालांकि टॉर ब्राउजर पर भी कई डार्क वेब वाली वेबसाइट्स बैन हैं। ऐसे में मंथन बाबा आपको यही सलाह देता है कि आप डार्क वेब पर ना ही जाएं, क्योंकि यह गैरकानूनी है। डार्क वेब में मानव तस्करी का भी काम होता है। | यहां पर शरीर के टुकड़े तक बेच सकते हैं |

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